Chapter 5: प्राथमिक क्रियाएँ subjective

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प्रश्न 1. मानवीय क्रिया से आप क्या समझते है ?

उत्तर- मानव का देनिक जीवन में वह आर्थिक क्रियाकलाप जिससे वह आय प्राप्त करता हैं, जिसे मानव की आर्थिक क्रियाए कहते है |

                     मानव की आर्थिक क्रियाकलाप को चार वर्गो में बाँट जा सकता हैं -:

 1. प्राथमिक क्रियाकलाप :- आखेट एवं संग्रहण, पशुपालन, कृषि, खनन 

2. द्वितीय क्रियाकलाप :- विनिर्माण उद्योग 

3. तृतीय  क्रियाकलाप :- वाणिज्य, व्यापर, सेवाए 

4. चतुर्थ क्रियाकलाप :- विज्ञान&तकनीक (प्रोधोयोगिक), अनुसंधान कार्य 

प्रश्न 2. विश्व में मानव के प्रमुख क्रियाकलापो का वर्णन करे ?

या 

मानव क्रियाकलाप के प्रमुख चार प्रकारों का वर्णन करे ?

उत्तर- सामन्यत: मानव के वै क्रियाकलाप जिससे वह आय प्राप्त करता है, उसे आर्थिक क्रियाकलाप कहते है |

                           इस प्रकार मानवीय आर्थिक क्रियाओं को चार भागों में बाँटा गया है, जो  निम्न है –

1. प्राथमिक क्रिया -: यह मानव सभ्यत्ता की प्रारंभिक व्यवसाय है | जिसके  अंतर्गत मानव की उन क्रियाओं को शामिल किया जाता है, जो प्राकृतिक संसाधनो का प्रत्यक्ष रूप से उपयोग करते हुए आय प्राप्त करता है |

जेसे-: कृषि कार्य, पशुपालन, मतस्य पालन, वन्य पदार्थ का संग्रह एवं खनन आदि |

2. द्वितीयक क्रिया -: इसके अंतर्गत प्राक्रतिक संसाधनो से प्राप्त वस्तुओं को पुन: साफ़-सफ़ाई तथा उनके स्वरूप में परिवर्तन कर मूल्य में वृद्धि का एक नया वस्तु का निर्माण किया जाता है |

जेसे-: गेंहू से आय, कपास से कपड़ा, लकड़ी से फनीचर आदि |

3. तृतीय क्रिया -: इसके अंतर्गत प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाकलापों के वस्तु उत्पादन में सेवा कार्य को शामिल किया जाता है | 

जेसे-: परिवहन, संचार, व्यापार, उद्योग आदि |

4. चतुर्थ क्रिया -: मानव के वे क्रियाए को शामिल किया जाता है, जो उच्च देनिक कोशल विकास ज्ञान की क्षमता रखता है | 

जेसे-: नई अनुसंधान कार्य, तकनीकी, उपग्रह कार्य आदि |

                          अत: यह स्पस्ट होता है कि प्रांभिक समय में मानव पूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधनो पर निर्भर था | लेकिन वर्तमान समय में मानव में विभिन्न आधुनिक आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु उच्च ज्ञान तकनीक से ही संभव हुआ है |

प्रश्न 3. प्राथमिक क्रियाकलाप किसे कहते है ?

उत्तर- “इसके अंतर्गत मानव के वे क्रिया को शामिल किया जाता हैं, जिससे मानव अपने आर्थिक क्रिया हेतु प्रत्यक्षरूप से प्रक्रितक संसाधनो पर निर्भर होकर कृषि एवं पशुपालन से आय प्राप्त करता हैं | 

  • विशेषता :-

a) प्राथमिक क्रिया प्रत्यक्ष रूप से प्रकृति पर्यावरण पर निर्भर होता हैं | 

b) इसके अंतर्गत भूमि, जल, वनस्पति, खनन का उपयोग करके नई सांस्कृतिक भूदृश्य का निर्माण किया जाता हैं | जेसे – नगर, उद्योग, सड़क, रेल, वायुयान आदि |

c) इसके अंतर्गत मुख्य कार्य जेसे जंगलो में आखेट एवं संग्रहण, पशुपालन कार्य, कृषि कर्य्येवं खनन कार्य को शामिल किया जाता हैं |

प्रश्न 4. गहन निर्वाह कृषि किसे कहते हैं ?

उत्तर – जब किसी क्षेत्र या प्रदेश में कृषि योग्य कम भूमि होने के कारण उस प्रदेश में अधिक जनसंख्या पाया जाता है, तथा अधिक जनसंख्या की खद्यान आपूर्ति कम क्रषि योग्य भूमि से हो जाती है, तो उसे गहन निर्वाह कृषि कहते हैं |

                      यह दो प्रकार के चावल प्रधान गहन कृषि एवं चावल रहित गहन निर्वाह कृषि के अंतर्गत खाद्यान्न का उत्पादन किया जाता हैं |

  • विशेषता -: 

a) अधिक जनसंख्या की खाद्यान्न आपूर्ति हेतु कृषि भूमि पर जन दबाव अधिक मिलता हैं |

b) कम कृषि भूमि होने के कारण अधिक से अधिक फसलो के उत्पद्न्प्र जोर दिया जाता है |

c) गावों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक प्रयोग किया जाता हैं |

d) यह मुख्यतः मानसूनी एशिया जेसे भारत, चीन, बंगलादेश, pak, म्यांमार, वियतनाम आदि देश में किया जाता है |

e) इसके अंतर्गत मुख्य खाद्यान्न फ़सल चावल, गेंहू, सोयाबीन, जो, बाजरा का उत्पादन किया जाता है |

प्रश्न 5 रोपण या बागाती कृषि किसे कहते हैं ?

उत्तर – जब किसी फ़सल का उत्पादन बाजार में विक्रय हेतु किया जाता है, इस संदर्भ में वाणिज्य कृषि को कई भागों में बाँटा गया है, उनमे से एक रोपण कृषि का विशेष महत्व हैं |

  • रोपण कृषि 

बागाती कृषि का सामान्य अर्थ- अब बड़े-बड़े भू-संसाधनों का उपयोग करके छोटे-छोटे बागानों में क्रमबद्ध तरीके से वृक्षों के माध्यम से जब फ़सल का उत्पादन नई तकनीक के माध्यम से बड़े पैमाने पर किया जाता है, उसे रोपण कृषि कहते है |

जेसे -: चाय, बहवा कपास, केला, नारियल, मिर्च-मसाले, जुट, गन्ना आदि |

  • विशेषता -:

a) इसमें बगानों में एक बार वृक्षों को लगा दिया जाता है | एवं कुछ समय पश्चात कई वर्षो तक फसलो के उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है |

b) इसमें खेती उन्नत वैज्ञानिक विधियों, आधुनिक कृषि यंत्रो, उन्नतशील बीजों एवं कीटनाशको का प्रयोग किया जाता है |

c) इसमें बड़े पैमाने पर श्रम एवं पूंजी की पर्याप्त आवश्यकता पड़ती है |

d) इसमें किसी भी एक फ़सल का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है |

e) उत्पादित पदार्थ को विक्रय हेतु पर्याप्त यातायात एवं परिवहन साधन तथा वृहद बाजार की आवश्यकता पड़ती है |

f) यह मनुष्य रूप से विश्व के उष्ण एवं उपोष्ण कटिबन्धीय प्रदेश जेसे – दक्षिणी-पूर्वी एशिया, मध्य अफ्रीका एवं लेटिन अमेरिका में किया जाता है |

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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