Chapter 4: आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद Leave a Comment / Blog Spread the love Class (कक्षा) -10th जयशंकर प्रसाद 5 ALL THE BEST TIME UP Created by Santu Chapter 4: आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद Chapter 4: आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद 1 / 14 मुरझाकर गिर रही पत्तियाँ किसकी प्रतीक हैं ? इनमें से कोई नहीं खुशियों की निराशाओं का उदासी का 2 / 14 कवि का दांपत्य जीवन कैसा है ? इनमें से कोई नहीं दुखी सुखी क्लेश रहित 3 / 14 कवि ने अपने मन को किसका रूप दिया है ? इनमें से कोई नहीं भँवरे गीतकार कोयल 4 / 14 कवि ने खाली घड़े से किसकी ओर इशारा किया है ? असफल जीवन इनमें से कोई नहीं खाली घर सूखी नदी 5 / 14 कवि ने अब तक कैसा जीवन जीया है ? इनमें से कोई नहीं दुखदायी स्वतंत्र सुखी 6 / 14 कवि के जीवन की गागर कैसी है ? रंगीन खाली सुनहरी भरी 7 / 14 गहरे नीले आकाश में अनगिनत लोगों ने क्या लिखे हैं ? गीत कविता आत्मकथा कहानियाँ 8 / 14 कवि अपनी आत्मकथा लिखने के बजाय क्या करना चाहता है ? खुश रहना चाहता है हँसना चाहता है दूसरों की आत्मकथा सुनना चाहता है रोना चाहता है 9 / 14 कवि अपने किस स्वभाव को दोष नहीं देना चाहते हैं ? मधुर सरल कोमल उग्र 10 / 14 कवि के जीवन के सारे दुःख – दर्द और अभाव अब कैसे हैं ? अधिक इनमें से कोई नहीं मौन कम 11 / 14 कवि अपने जीवन के किन अनुभवों को सबसे बाँटना नहीं चाहते ? मधुर निजी पारिवारिक सार्वजनिक 12 / 14 कवि के आलिंगन में आते – आते कौन रह गया ? प्रेमिका इनमें से कोई नहीं पुत्री माँ 13 / 14 कविता में थका हुआ पथिक कौन है ? कवि कवि के मित्र इनमें से कोई नहीं कवि की प्रेमिका 14 / 14 कवि के सरल स्वभाव के कारण किसने धोखा दिया है ? प्रेमिका ने इनमें से कोई नहीं मित्रों ने संबंधियों ने Your score isThe average score is 77% 0% Restart quiz SANTU KUMAR I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge. Contact me On WhatsApp