Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 7 Solutions – टॉलस्टाय के घर में

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‘टाल्सटॉय के घर में’ बिहार बोर्ड कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक का एक रोचक और जीवंत अध्याय है। यह रिपोर्ताज प्रसिद्ध चित्रकार और लेखक रामकुमार वर्मा द्वारा लिखा गया है, जिसमें उन्होंने महान रूसी लेखक लियो टाल्सटॉय के घर की यात्रा का सजीव वर्णन किया है। लेखक ने अपने अनुभवों, देखे-सुने दृश्य और भावनाओं को बड़ी बारीकी और सहजता से प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक भी उस यात्रा का हिस्सा महसूस करते हैं। यह अध्याय न केवल टाल्सटॉय के जीवन और उनके साहित्यिक योगदान से परिचित कराता है, बल्कि साहित्य की महानता और ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान करता है। इस प्रकार, यह कहानी छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करने के साथ-साथ उनकी सोच को भी व्यापक बनाती है।

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 7 Solutions

Subject Hindi
Class 9th
Chapter 7. टॉलस्टाय के घर में
Author रामकुमार वर्मा
Board Bihar Board

प्रश्न 1. टॉल्सटाय ने अपनी अमर कृतियों की रचना कहाँ की थी?

उत्तर – टॉल्सटॉय ने अपनी अमर कृतियों की रचना यासनाया पोलयाना में की थी। यह उनका पैतृक निवास था जहाँ उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया और कई महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएँ लिखीं। यही स्थान उनके व्यक्तित्व और लेखन की गहराई को दर्शाता है।

प्रश्न 2. यासनाया पोलयाना के लिए जाते हुए लेखक के मन में कैसा भय समा रहा था और क्यों?

उत्तर – लेखक के मन में यासनाया पोलयाना की ओर जाते समय श्रद्धा और भय दोनों का मिश्रित भाव था। वह इस महान स्थान को देखने के लिए बहुत उत्सुक था जहाँ टॉल्सटॉय ने ‘युद्ध और शांति’ जैसी अमर कृतियाँ रची थीं। लेकिन साथ ही, उसे इस बात की चिंता भी थी कि क्या वह उस महान साहित्यिक माहौल के साथ तालमेल बैठा पाएगा।

प्रश्न 3. यूरा कौन था? लेखक की यात्रा के दरम्यान उसकी भूमिका पर प्रकाश डालें।

उत्तर – यूरा लेखक का रूसी अनुवादक था। यात्रा के दौरान वह टॉल्सटॉय की जीवनी और उनके कार्यों के बारे में रूसी भाषा में जानकारी देता रहा, जिससे लेखक को यासनाया पोलयाना और टॉल्सटॉय के जीवन को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिली।

प्रश्न 4. टॉल्सटाय के परिवार में चित्रकारी का शौक किन्हें था?

उत्तर – टॉल्सटॉय के परिवार में चित्रकारी का शौक उनके एक अभिन्न मित्र को था। यह मित्र टॉल्सटॉय के परिवार के बहुत करीब था और उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।

प्रश्न 5. रामकुमार के अनुसार टॉल्सटाय के मकान का सबसे महत्वपूर्ण भाग कौन था? उसका एक संक्षिप्त परिचय दीजिए।

उत्तर – रामकुमार के अनुसार, टॉल्सटॉय के मकान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उनका अध्ययन कक्ष था। इस कमरे में एक छोटी मेज, बिना सिरहाने की तिपाई, कलम और दवात रखी हुई थी। यहीं बैठकर टॉल्सटॉय ने अपनी प्रसिद्ध कृतियाँ ‘आना करेनिना’ और ‘युद्ध और शांति’ लिखीं।

प्रश्न 6. टॉल्सटाय रूसी के अलावा और कौन-कौन विषय पढ़ लेते थे?

उत्तर – टॉल्सटॉय रूसी भाषा के अलावा जर्मन, फ्रांसीसी और अंग्रेज़ी भाषाएँ भी पढ़ते थे। यह उनकी बहुभाषी प्रतिभा और विश्व साहित्य में गहरी रुचि को दर्शाता है। उनकी यही विशेषता उन्हें एक महान अंतरराष्ट्रीय लेखक बनाती है, जिनकी रचनाएँ आज भी पूरे विश्व में पढ़ी और सराही जाती हैं।

प्रश्न 7. टाल्सटाय ने अंतिम बार जब घर छोड़ा तो उनके साथ कौन गया था?

उत्तर – जब टॉल्सटॉय ने अंतिम बार अपना घर छोड़ा, तो उनके साथ केवल एक डॉक्टर था। यह घटना उनके जीवन के अंतिम दिनों की है, जब वे पारिवारिक तनावों और सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर एकांत की तलाश में घर छोड़कर निकल पड़े थे।

प्रश्न 8. टॉल्सटाय ने अपने निजी कमरे का चित्रण किस उपन्यास के किस पात्र के कमरे के रूप में किया है? कमरे की कुछ विशेषताएँ बताइए।

उत्तर – टॉल्सटॉय ने अपने निजी कमरे का चित्रण अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘आना करेनिना’ में लेविन नामक पात्र के कमरे के रूप में किया है। यह कमरा घर के शोर-गुल से दूर था और उन्हें एकांत व शांति प्रदान करता था। कमरे में एक खिड़की, एक साधारण चारपाई और पानी भरने का बर्तन रखा था। यह सादा कमरा टॉल्सटॉय के सरल और गहरे चिंतनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।

प्रश्न 9. टॉल्सटाय ने अपनी समाधि के विषय में क्या कहा था?

उत्तर – टॉल्सटॉय ने अपनी समाधि के बारे में इच्छा प्रकट की थी कि उसे एक निर्धन व्यक्ति की तरह सादगी से बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी मृत्यु पर कोई भाषण न दिया जाए। यह उनकी सादगी, विनम्रता और दिखावे से दूर रहने वाली जीवन-दृष्टि को दर्शाता है।

प्रश्न 10. टॉल्सटाय के गाँव का एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करें।

उत्तर – टॉल्सटॉय का गाँव लगभग 100–150 घरों की एक छोटी-सी बस्ती था। गाँव के एक छोर पर उनका घर स्थित था, जो हरियाली और बाग-बगीचों से घिरा हुआ था। घर के पास ही एक शांत तालाब था, जहाँ टॉल्सटॉय अक्सर बैठकर चिंतन किया करते थे। आज यह ऐतिहासिक घर एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहाँ टॉल्सटॉय से जुड़ी वस्तुएँ और यादें सुरक्षित रखी गई हैं।

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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