Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 10 Solutions – निबंध

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बिहार बोर्ड कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक का दसवाँ अध्याय "निबंध" एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक विषय पर आधारित है। इस अध्याय में प्रसिद्ध गद्यकार जगदीश नारायण चौबे द्वारा रचित एक उत्कृष्ट निबंध शामिल है, जो निबंध लेखन की कला और उसके विविध पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यह अध्याय विद्यार्थियों को निबंध लेखन के मूल सिद्धांतों से परिचित कराता है और उन्हें इस लेखन शैली में दक्ष बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है। इसमें विषय चयन, रचना की संरचना, भाषा की शैली और विचारों की प्रभावी अभिव्यक्ति जैसे महत्वपूर्ण तत्वों पर विस्तार से चर्चा की गई है। लेखक ने निबंध को केवल सूचना देने का माध्यम नहीं, बल्कि भावनाओं और विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने की कला बताया है। यह अध्याय विद्यार्थियों के लेखन कौशल, सोचने की क्षमता और रचनात्मक अभिव्यक्ति को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। निबंध लेखन के व्यावहारिक दृष्टिकोण को समझने के लिए यह पाठ अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक है।

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 10 Solutions

Subject Hindi
Class 9th
Chapter 10. निबंध
Author जगदीश नारायण चौबे
Board Bihar Board

प्रश्न 1. निबंध लेखन का मूल उद्देश्य क्या है?

उत्तर – निबंध लेखन का मुख्य उद्देश्य लेखक के विचारों, अनुभवों और भावनाओं को प्रभावशाली ढंग से पाठकों तक पहुँचाना होता है। यह एक ऐसा साहित्यिक माध्यम है, जिसके द्वारा लेखक अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण को सरल, सुस्पष्ट और रोचक शैली में प्रस्तुत करता है। निबंध जीवन के विभिन्न पक्षों पर लेखक की गहरी समझ, चिंतन और संवेदनशीलता को उजागर करता है। इसके माध्यम से पाठक न केवल नए विचारों से परिचित होते हैं, बल्कि उन्हें विषय पर सोचने और आत्ममंथन करने की प्रेरणा भी मिलती है।

प्रश्न 2. निबंध लेखन के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ?

उत्तर – निबंध लेखन में विचारों की स्पष्टता और भाषा की शुद्धता अत्यंत आवश्यक होती है। लेखक को चाहिए कि वह अपने विचारों को सुव्यवस्थित, तार्किक क्रम में तथा एकसूत्रता के साथ प्रस्तुत करे। भाषा न केवल सरल और प्रवाहपूर्ण हो, बल्कि विषय के अनुरूप भी होनी चाहिए, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उससे जुड़ सकें। निबंध में अनावश्यक विवरण या विषय से भटकाव से बचना चाहिए, क्योंकि इससे विषय की गंभीरता कम हो जाती है। लेखक को अपने दृष्टिकोण को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त उदाहरणों, तथ्यों और तर्कों का सहारा लेना चाहिए, जिससे उसकी बात अधिक विश्वसनीय और रोचक बन सके।

प्रश्न 3. लेखक ने निबंध की क्या परिभाषा दी है?

उत्तर – लेखक ने निबंध को लेखक के व्यक्तित्व का प्रतिबिंब माना है। उनके अनुसार, निबंध वह माध्यम है जिसमें लेखक अपने स्वाभाविक रूप, विचारों, भावनाओं और अनुभवों को पाठकों के सामने सहज रूप में प्रस्तुत करता है। यह लेखन शैली लेखक के व्यक्तिगत दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करने का एक प्रभावशाली साधन है। निबंध में विचारों, कथाओं और अनुभवों का संयोजन होता है, जो उसे रोचक और प्रभावशाली बनाता है। आधुनिक निबंध के जनक, फ्रांसीसी लेखक मोंतेन ने भी निबंध को विचारों, उद्धरणों और कथाओं का संगम बताया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि निबंध केवल सूचनात्मक नहीं, बल्कि आत्माभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम भी है।

प्रश्न 4. निबंध-लेखन में लेखक किस अत्याचार की बात करता है, जिससे निबंध बोझिल, नीरस और उबाऊ हो जाता है?

उत्तर – लेखक के अनुसार, निबंध को बोझिल, नीरस और उबाऊ बनाने वाले मुख्य कारक हैं—विषय-प्रतिपादन में अतिरेक, विचारों का अनावश्यक विस्तार, तथा जटिल भाषा और शैली का प्रयोग। जब लेखक अत्यधिक विस्तार में चला जाता है या कठिन शब्दों और उलझी हुई भाषा का प्रयोग करता है, तो निबंध अपनी मौलिक संवेदना और प्रभाव खो बैठता है। इन तत्वों के कारण पाठक की रुचि कम हो जाती है और निबंध अपनी प्रस्तुतिकला में प्रभावहीन बन जाता है। इसलिए, एक अच्छा निबंध वही होता है जिसमें सरलता, संक्षिप्तता और प्रभावशाली अभिव्यक्ति का समुचित संतुलन हो। ये गुण निबंध को न केवल रोचक बनाते हैं, बल्कि पाठक पर एक सकारात्मक प्रभाव भी छोड़ते हैं।

प्रश्न 5. निबंध-लेखन में हिन्दीतर भाषाओं के उद्धरण में किस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है?

उत्तर – हिंदीतर भाषाओं से लिए गए उद्धरणों का उपयोग करते समय, सबसे पहले उनका सटीक और सहज हिंदी अनुवाद प्रस्तुत करना चाहिए, इसके पश्चात मूल उद्धरण को स्थान देना उपयुक्त होता है। उद्धरण के साथ लेखक या स्रोत का नाम अवश्य उल्लिखित किया जाना चाहिए, जिससे उसकी प्रामाणिकता बनी रहे। इस प्रकार की प्रस्तुति पाठकों की समझ को न केवल सरल बनाती है, बल्कि निबंध की विश्वसनीयता एवं प्रभावशीलता को भी बढ़ाती है। उद्धरणों का चयन विषय की उपयुक्तता और संदर्भ की दृष्टि से अत्यंत सोच-समझकर किया जाना चाहिए, ताकि वे निबंध की मूल भावना को समृद्ध करने में सहायक सिद्ध हों।

प्रश्न 6. अच्छे निबंध के लिए क्या आवश्यक है? विस्तार से तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

उत्तर – एक उत्कृष्ट निबंध की रचना के लिए कुछ मूलभूत तत्वों का समावेश अत्यंत आवश्यक होता है। इनमें कल्पनाशीलता, लेखक के व्यक्तित्व का स्पष्ट प्रकाशन, संक्षिप्तता, तथा विचारों की एकसूत्रता प्रमुख हैं। कल्पनाशीलता निबंध को न केवल रोचक और आकर्षक बनाती है, बल्कि उसमें नवीनता का भी संचार करती है। लेखक का व्यक्तित्व यदि शब्दों के माध्यम से स्पष्ट झलकता है, तो निबंध एक विशिष्ट पहचान प्राप्त करता है। संक्षिप्तता विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक होती है, जिससे पाठक विषय के मूल भाव को सहजता से ग्रहण कर पाते हैं। वहीं, विचारों की एकसूत्रता निबंध को सुसंगत, संगठित और तार्किक बनाती है। इन सभी तत्वों का संतुलित संयोजन किसी भी निबंध को न केवल पठनीय, बल्कि गहन और चिंतनशील भी बना देता है।

प्रश्न 7. निबंध लेखन की क्या प्रक्रिया बताई गई है? पाठ के आधार पर बताएँ।

उत्तर – निबंध लेखन एक स्वतंत्र और सृजनात्मक कला है, जिसमें लेखक की व्यक्तिगत शैली एवं अभिव्यक्ति का विशेष महत्व होता है। तथापि, एक सुव्यवस्थित और प्रभावशाली निबंध के लिए उसकी संरचना का सुनियोजित होना आवश्यक है। सामान्यतः एक सुगठित निबंध तीन मुख्य भागों में विभाजित होता है—भूमिका, मुख्य भाग, और निष्कर्ष

भूमिका में विषय का संक्षिप्त और रोचक परिचय प्रस्तुत किया जाता है, जिससे पाठक की रुचि जागृत हो।
मुख्य भाग में विषय का विस्तृत विश्लेषण, तर्क, उदाहरण और दृष्टिकोणों के माध्यम से गहराई से विवेचन किया जाता है।
निष्कर्ष में पूरे निबंध के मुख्य विचारों का सारांश प्रस्तुत किया जाता है, जो पाठक के मन में स्थायी प्रभाव छोड़ता है।

इस त्रिस्तरीय संरचना के माध्यम से निबंध न केवल तार्किक और सुसंगत बनता है, बल्कि उसकी प्रभावशीलता भी कई गुना बढ़ जाती है।

प्रश्न 8. निबंध के कितने प्रकार होते हैं? भेदों के साथ उनकी परिभाषा भी दें।

उत्तर – निबंध लेखन की विविधता को ध्यान में रखते हुए इसे मुख्यतः तीन प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है—भावात्मक, विचारात्मक, और वर्णनात्मक निबंध

  1. भावात्मक निबंध में लेखक की भावनाएं, संवेदनाएं और व्यक्तिगत अनुभूतियां केंद्र में होती हैं। इसमें विषय की विवेचना हृदय की गहराई से की जाती है, जिससे पाठक भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं।

  2. विचारात्मक निबंध में किसी सामाजिक, राजनीतिक, नैतिक या दार्शनिक विषय पर गंभीर चिंतन और तर्कपूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है। यह निबंध बौद्धिक दृष्टि से पाठक को सोचने के लिए प्रेरित करता है।

  3. वर्णनात्मक निबंध में किसी स्थान, व्यक्ति, वस्तु या घटना का विस्तृत और सजीव चित्रण किया जाता है। इस प्रकार का निबंध कल्पनाशीलता और विवरणात्मक क्षमता की मांग करता है।

प्रत्येक प्रकार का निबंध अपने विशिष्ट गुणों और अभिव्यक्ति की शैली के माध्यम से पाठकों को प्रभावित करता है तथा साहित्यिक सौंदर्य को समृद्ध करता है।

प्रश्न 9. निबंध लेखन के अभ्यास से छात्र किन समस्याओं से निजात पा सकता है?

उत्तर – निबंध लेखन का अभ्यास छात्रों को न केवल भाषा पर अधिकार दिलाता है, बल्कि यह उन्हें अनेक बौद्धिक और अभिव्यक्तिगत समस्याओं से भी मुक्त करता है। यह अभ्यास उन्हें संक्षिप्त, स्पष्ट और प्रभावशाली लेखन की कला सिखाता है। छात्र यह समझते हैं कि एक सफल निबंध उसकी लंबाई पर नहीं, बल्कि उसमें प्रस्तुत विचारों की गहराई, गुणवत्ता और संरचना पर आधारित होता है। निबंध लेखन से छात्र अपने विचारों को सुनियोजित ढंग से प्रस्तुत करना सीखते हैं, जिससे उनकी अभिव्यक्ति अधिक प्रभावशाली बनती है। साथ ही यह अभ्यास उनकी रचनात्मकता को प्रेरित करता है और विश्लेषणात्मक क्षमता को भी विकसित करता है। इस प्रकार, निबंध लेखन विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास और व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 10. निबंध लेखन में कल्पना का क्या महत्व है?

उत्तर – कल्पना निबंध लेखन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सृजनात्मक तत्व है। यह लेखक को पारंपरिक सीमाओं से बाहर सोचने, नए दृष्टिकोणों को अपनाने और मौलिक विचार प्रस्तुत करने की क्षमता प्रदान करती है। कल्पना के माध्यम से लेखक जटिल या गंभीर विषयों को सरल, रोचक और बोधगम्य रूप में प्रस्तुत कर सकता है, जिससे पाठक की रुचि बनी रहती है। निबंध में कल्पना का प्रयोग न केवल उसकी अभिव्यक्ति-शैली को आकर्षक बनाता है, बल्कि उसे अधिक प्रभावशाली और प्रेरक भी बनाता है। कल्पना का महत्व केवल साहित्य तक सीमित नहीं है; यह विज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी नवोन्मेष और खोज का आधार बनती है। इस प्रकार, कल्पना निबंध लेखन को केवल एक विधा नहीं, बल्कि चिंतन और सृजन का माध्यम बना देती है।

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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