अनुवांशिकता एवं जैव विकास subjective

Spread the love

1. अनुवांशिकता (Heredity) क्या है?

अनुवांशिकता वह प्रक्रिया है जिसमें एक जीव अपने जीन और गुणसूत्रों के माध्यम से अपने गुण और विशेषताएँ अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करता है। यह प्रक्रिया जनन के माध्यम से होती है और इसमें गुणसूत्र (chromosomes) और जीन (genes) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


2. जीन क्या हैं और इनकी भूमिका क्या होती है?

जीन DNA की अनुक्रमिक इकाइयाँ होती हैं जो गुणसूत्रों पर स्थित होती हैं। ये जीन एक जीव के विशेष गुण, जैसे रंग, आकार, और अन्य शारीरिक और जैविक विशेषताओं को नियंत्रित करते हैं। जीन आनुवंशिक जानकारी का संचयन करते हैं जो अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होती है।


3. गुणसूत्र (Chromosomes) क्या हैं?

गुणसूत्र (chromosomes) DNA और प्रोटीन के संकुल होते हैं जो कोशिका के नाभिक में स्थित होते हैं। वे आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत करते हैं और एक जीव के गुणसूत्रों की संख्या प्रजाति पर निर्भर करती है। मानव में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं।


4. मेंडल के आनुवंशिकता के नियमों को समझाइए।

मेंडल के नियम:

  1. स्वतंत्रता का नियम (Law of Segregation): एक गुणसूत्र के दो एलील अलग-अलग युग्मित होते हैं और प्रत्येक युग्मित के लिए एक एलील को अगली पीढ़ी में भेजा जाता है।

  2. स्वतंत्र संयोजन का नियम (Law of Independent Assortment): विभिन्न गुणसूत्र स्वतंत्र रूप से एक-दूसरे के संयोजन से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होते हैं।


5. एलील्स (Alleles) क्या हैं?

एलील्स एक ही जीन के विभिन्न रूप होते हैं जो गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। प्रत्येक एलील एक विशेष गुण का भिन्न रूप दर्शाता है, जैसे हरे या पीले रंग का बीन्स का गुण।


6. अनुवांशिकता और पर्यावरण के बीच संबंध बताइए।

अनुवांशिकता जीन के माध्यम से गुणों का संचरण करती है, जबकि पर्यावरण बाहरी कारकों का प्रभाव डालता है जो गुणसूत्रों की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। दोनों मिलकर एक जीव की पूर्ण विशेषताओं को निर्धारित करते हैं।


7. फिनोटाइप और जीनोटाइप में अंतर बताइए।

  • फिनोटाइप: एक जीव की दृष्टिगोचर विशेषताएँ, जैसे रंग, आकार, आदि।

  • जीनोटाइप: एक जीव के जीन की विशेषताएँ, जो उसके गुणसूत्रों पर स्थित होती हैं और जो फिनोटाइप को नियंत्रित करती हैं।


8. डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत क्या है?

डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत (Theory of Evolution) कहता है कि सभी जीवों ने समय के साथ विकास किया है। प्राकृतिक चयन (Natural Selection) के माध्यम से जीवों की विशेषताएँ विकसित हुई हैं और यह प्रक्रिया उत्तरोत्तर (Gradual) और आवश्यक (Adaptation) होती है।


9. विकासवाद (Evolution) के प्रमाण क्या होते हैं?

विकासवाद के प्रमाण में शामिल हैं:

  • फॉसिल रिकॉर्ड्स: जीवाश्म जो पिछले समय के जीवों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।

  • आनुवंशिक समानता: विभिन्न जीवों के जीन की समानता।

  • Embryonic Development: विभिन्न प्रजातियों के भ्रूण का विकास।


10. विकास और आनुवंशिकता के बीच संबंध बताइए।

विकास समय के साथ जीवों के गुण और विशेषताओं में बदलाव को दर्शाता है, जबकि अनुवांशिकता उन गुणों के संचरण की प्रक्रिया है। विकास के दौरान आनुवंशिकता का परिवर्तन जीवों की नई विशेषताओं और अनुकूलन को जन्म देता है।


11. जीवों में उत्परिवर्तन (Mutation) क्या है?

उत्परिवर्तन (Mutation) जीन या गुणसूत्रों में स्थायी परिवर्तन होते हैं जो नए गुण या विशेषताओं को जन्म देते हैं। यह परिवर्तन स्वाभाविक रूप से हो सकता है या बाहरी कारणों से हो सकता है। उत्परिवर्तन विकास की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


12. प्राकृतिक चयन (Natural Selection) क्या है?

प्राकृतिक चयन एक प्रक्रिया है जिसमें प्रकृति के अनुकूल जीव बचते हैं और संतान उत्पन्न करते हैं। यह सिद्धांत कहता है कि ऐसे गुण जो जीव को अधिक अनुकूल बनाते हैं, वे अधिक प्रसार करते हैं जबकि कम अनुकूल गुण कम प्रसार करते हैं।


13. पुनरावृत्ति (Recurrence) और उत्परिवर्तन (Mutation) में अंतर बताइए।

  • पुनरावृत्ति: किसी गुण का पुनरावृत्ति या पूर्वजों की विशेषताओं का लौटना।

  • उत्परिवर्तन: जीन में स्थायी परिवर्तन जो नए गुण या विशेषताएँ उत्पन्न करते हैं।


14. मानव के विकास के प्रमुख चरण क्या हैं?

मानव के विकास के प्रमुख चरण हैं:

  1. प्राचीन मानव: जैसे ऑस्ट्रेलोपिथेकस।

  2. हॉमिनिड्स: जैसे होमो हैबिलिस।

  3. हॉमिनिन्स: जैसे होमो सैपियन्स, जो आधुनिक मानव हैं।


15. विकास की गति (Rate of Evolution) क्या है और इसे कैसे मापा जाता है?

विकास की गति विभिन्न जीवों में गुणात्मक और संरचनात्मक परिवर्तनों की दर होती है। इसे फॉसिल रिकॉर्ड के अध्ययन, जीनोम अनुक्रमण और विकासात्मक गुणसूत्र विश्लेषण से मापा जाता है।


16. आनुवंशिकता में ‘हेटेरोजाइगस’ और ‘होमोzygous’ के बीच अंतर बताइए।

  • हेटेरोजाइगस: जीन के दो अलग-अलग एलील्स होते हैं (एक प्रमुख और एक अवरुद्ध)।

  • होमोzygous: जीन के दोनों एलील्स एक जैसे होते हैं (दोनों प्रमुख या दोनों अवरुद्ध)।


17. जीन की संरचना और कार्य को समझाइए।

जीन DNA की अनुक्रमिक इकाइयाँ होती हैं। वे एक विशेष गुण के लिए कोड प्रदान करती हैं और यह गुणसूत्रों पर स्थित होती हैं। जीन की संरचना में प्रोमोटर, कोडन और एन्झाइम्स शामिल होते हैं जो विशेष गुणों की अभिव्यक्ति में सहायक होते हैं।


18. विकासात्मक आनुवंशिकता (Developmental Genetics) क्या है?

विकासात्मक आनुवंशिकता जीन और विकास के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। यह समझाती है कि जीन विकास के विभिन्न चरणों में कैसे कार्य करते हैं और शरीर की संरचना को कैसे प्रभावित करते हैं।


19. सुपरडोमिनेंट जीन (Super Dominant Genes) क्या होते हैं?

सुपरडोमिनेंट जीन वे जीन होते हैं जो एक एलील के मौजूद होने पर ही अपना प्रभाव दिखाते हैं, भले ही दूसरा एलील क्या हो। ये जीन सामान्यत: शारीरिक विशेषताओं को निर्धारित करते हैं।


20. जैव विकास (Biological Evolution) की प्रमुख धाराएँ बताइए।

जैव विकास की प्रमुख धाराएँ हैं:

  • डार्विन का विकासवाद: प्राकृतिक चयन के माध्यम से विकास।

  • लामार्क का विकासवाद: उपयोग और अस्थिवृत्ति के आधार पर विकास।

  • सिन्टेटिक थ्योरी: आनुवंशिकता और प्राकृतिक चयन के मिलेजुले प्रभाव से विकास।


21. गुणसूत्र विस्थापन (Chromosomal Displacement) क्या है?

गुणसूत्र विस्थापन एक आनुवंशिक स्थिति है जहां गुणसूत्रों के स्थान पर परिवर्तन होते हैं, जिससे गुणसूत्र के एक हिस्से का स्थान बदल जाता है। यह स्थिति जीनोम की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।


22. विकास के प्रमुख अवलोकन (Observations of Evolution) क्या हैं?

विकास के प्रमुख अवलोकन हैं:

  • विविधता: विभिन्न प्रजातियों की विशेषताएँ।

  • विकासात्मक रूपरेखा: विभिन्न प्रजातियों के समान अंग संरचनाएँ।

  • फॉसिल रिकॉर्ड: जीवाश्म जो विकासात्मक परिवर्तन को दर्शाते हैं।


23. एपिजेनेटिक्स (Epigenetics) क्या है?

एपिजेनेटिक्स जीन के बाहर के कारकों के प्रभाव को अध्ययन करती है जो जीन की अभिव्यक्ति को बदलते हैं बिना DNA अनुक्रम को बदलने के। इसमें मिथाइलेशन और हिस्टोन संशोधन शामिल हैं।


24. उत्परिवर्तन और कृत्रिम चयन (Artificial Selection) में अंतर बताइए।

  • उत्परिवर्तन: स्वाभाविक रूप से जीन में परिवर्तन।

  • कृत्रिम चयन: मानव द्वारा चयनित विशेष गुणों को बढ़ाने की प्रक्रिया।


25. ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (Human Genome Project) का उद्देश्य क्या था?

ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट का उद्देश्य मानव DNA के पूर्ण अनुक्रम को पहचानना और उसकी संरचना का अध्ययन करना था। इसका लक्ष्य आनुवंशिक बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायता प्रदान करना था।


26. जनन (Reproduction) के प्रकारों की सूची दें।

  • लैंगिक जनन: दो माता-पिता की सहभागिता।

  • अलैंगिक जनन: एक माता-पिता द्वारा जनन।


27. विकासवादी जनन (Evolutionary Reproduction) क्या है?

विकासवादी जनन जैविक प्रजातियों के विकास और उनकी विविधता का अध्ययन करता है जो जनन के माध्यम से स्थानांतरित होती है। इसमें प्राकृतिक चयन और उत्परिवर्तन की प्रक्रिया शामिल होती है।


28. जीन थेरपी (Gene Therapy) क्या है और इसका महत्व क्या है?

जीन थेरपी एक चिकित्सा तकनीक है जिसमें आनुवंशिक बीमारियों के इलाज के लिए जीनों को संशोधित या प्रतिस्थापित किया जाता है। इसका उद्देश्य रोगग्रस्त कोशिकाओं में सही जीनों को जोड़ना या बदलना होता है।


29. विकासात्मक प्रक्रियाओं (Developmental Processes) के मुख्य प्रकार क्या हैं?

विकासात्मक प्रक्रियाएँ:

  • अम्ब्रियोजेनिसिस: भ्रूण का प्रारंभिक विकास।

  • फेटल डेवलपमेंट: भ्रूण का पूर्ण विकास।

  • पोस्टनेटल डेवलपमेंट: जन्म के बाद विकास।


30. आनुवंशिकता और विकास में ‘समानता और विविधता’ का महत्व बताइए।

समानता आनुवंशिकता के माध्यम से जीन के सुसंगत रूप को दर्शाती है, जबकि विविधता विकास के माध्यम से नई विशेषताओं और अनुकूलनों को दर्शाती है। दोनों मिलकर जीवों के अनुकूलन और विकास में सहायक होते हैं।


31. डार्विन की प्राकृतिक चयन की अवधारणा को विस्तार से समझाइए।

प्राकृतिक चयन की अवधारणा में, जीवों की विशेषताएँ जो उनके वातावरण में अधिक अनुकूल होती हैं, वे अधिक जीवित रहती हैं और संतान उत्पन्न करती हैं। इस प्रकार, अनुकूल गुण पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते हैं।


32. आनुवंशिकता में ‘संसाधन और परिष्करण’ की भूमिका क्या होती है?

संसाधन और परिष्करण जीन के विभिन्न संयोजनों और गुणसूत्रों के बदलते स्वरूप को दर्शाते हैं। यह प्रक्रिया आनुवंशिक विविधता और विकास की क्षमता को बढ़ाती है।


33. जीन के विभाजन (Gene Splitting) के परिणाम क्या होते हैं?

जीन के विभाजन से नए जीन उत्पन्न हो सकते हैं जो विशेष गुणों को नियंत्रित करते हैं। यह प्रक्रिया आनुवंशिक विविधता और उत्परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण होती है।


34. जीवों में जैव विकास का महत्व क्या है?

जैव विकास का महत्व:

  • आनुवंशिक विविधता: नई प्रजातियाँ और गुणों का विकास।

  • विवर्तन: पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अनुकूलन।

  • नवाचार: जीवन के नए रूपों और संरचनाओं का निर्माण।


35. विकासात्मक आनुवंशिकता के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?

विकासात्मक आनुवंशिकता के मुख्य सिद्धांत में:

  • एपिजेनेटिक संशोधन: जीन की अभिव्यक्ति पर बाहरी प्रभाव।

  • जीन प्रवाह: जीन का स्थानांतरण विभिन्न जनसंख्याओं में।

  • उत्परिवर्तन: जीन में बदलाव और विविधता का निर्माण।


36. सामान्य वंशानुगत रोगों की सूची और उनके कारण बताइए।

सामान्य वंशानुगत रोग:

  • सिकल सेल एनीमिया: HbS जीन में उत्परिवर्तन।

  • किस्टिक फाइब्रोसिस: CFTR जीन की विकृति।

  • हंटिंगटन का रोग: HTT जीन में अतिरिक्त CAG अनुक्रम।


37. विकास के समय परागण की भूमिका क्या होती है?

परागण विकास के दौरान फूलों में पराग कणों के स्थानांतरण की प्रक्रिया है। यह बीज के निर्माण के लिए आवश्यक है और आनुवंशिक विविधता को बढ़ाता है।


38. विकासवादी आनुवंशिकता (Evolutionary Genetics) के अध्ययन से क्या लाभ होता है?

विकासवादी आनुवंशिकता के अध्ययन से:

  • प्रजातियों का विकास: जीवों की विकासात्मक प्रक्रिया का अध्ययन।

  • आनुवंशिक रोगों की पहचान: आनुवंशिक बीमारियों के कारणों की पहचान।

  • आनुवंशिक विविधता: जीनों की विविधता और उसके प्रभावों की समझ।


39. डार्विन के सिद्धांत में ‘साधारण वंशानुगतता’ का क्या महत्व है?

साधारण वंशानुगतता डार्विन के सिद्धांत में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जैविक गुणसूत्रों के प्राकृतिक चयन और विकास के आधार पर प्रजातियों के अस्तित्व और विविधता को समझाती है।


40. पुनरावृत्ति और उत्परिवर्तन के विकासात्मक महत्व को समझाइए।

पुनरावृत्ति प्रजातियों के पुनर्निर्माण और पूर्वजों की विशेषताओं को दर्शाती है, जबकि उत्परिवर्तन नए गुण और विशेषताएँ उत्पन्न करता है। दोनों ही विकासात्मक प्रक्रियाओं के माध्यम से जीवन के विविध रूपों का निर्माण होता है।

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

Contact me On WhatsApp

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


error: Content is protected !!
Scroll to Top