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Chapter 2: प्रवास प्रकार, कारण और परिणाम

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प्रश्न 1. प्रवास किसे कहते है ?

या 

प्रवास प्रवाह से आप क्या समझते है ?

उतर – “जब किसी निश्चित प्रदेश में निवास करने वाले व्यक्ति या परिवार का समूह के द्वारा किसी कारण वश या अपने बेहतर जीवन स्तर के लिए अपने निवास स्थान को छोड़कर किसी दुसरे गाँव, शहर, राज्य,देश में स्थायी या अस्थायी रूप से जाकर बसना हि प्रवास कहलाता है |”

                   इसका मुख्य उदेश्य भविष्य में आर्थिक लाभ कमाना होता है, दुसरे और प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक है जो प्रवास के प्रतिक्रष्ण एवं अपकर्षण घटक के रूप में जाना जाता है | जो जनसंख्या उत्प्रवास एवं अप्रवासी के रूप में जाना जाता है | 

प्रश्न 2. जीवन पर्यन्त प्रवासी एवं पिछले निवास स्थान प्रवासी में अंतर स्पष्ट कीजिये ?

उतर – प्रवास मुख्यत: जनगणना की अध्ययन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है,जिसे 1881  ई. में स्थापित किया गया था | लेकिन 1961 में प्रवास से संबंधित तथ्य अध्ययन संसोधित किया गया तथा बाद में 1981 की जनगणना में प्रवास की गणना मुख्यत: दो आधार पर किया जाता है |

1. जीवन पर्यन्त प्रवासी – ‘जन्म स्थान’ यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न हो तो उस व्यक्ति को जीवन पर्यन्त प्रवासी कहते है | इसकी संख्या 2001 में भारत की 30% थी | 

2. पिछले निवासी स्थान प्रवासी – यदि निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भीं हो, तो उसे पिछले निवास स्थान प्रवासी कहते है | इसकी संख्या 2001 में भारत की 31% थी |

प्रश्न 3. प्रवास को स्पष्ट करते हुए प्रवास के प्रभाव की विवेचना कीजिये ? 

उतर – प्राय: प्रवास बेहतर सुविधाओं एवं आर्थिक उन्नति में अवसरों के लिए होता है , जो उदगम एवं गन्तव्य स्थानों में इसके कुछ लाभप्रद एवं कुछ पहलु प्रतिकूल परिणाम के रूप में देखने को मिलता है |

  • प्रवास के परिणाम (प्रभाव) 

1. सकारात्मक प्रभाव 

2. नकारात्मक 

a) आर्थिक प्रभाव – प्राय: हमारे देश में नोजवान या युवा वर्ग किसी दुसरे प्रदेश में रोजगार के लिए जाते है, तो अपने कमाई का बड़ा मात्रा अपने गाँव या शहर में भेजकर रास्ट्रय के विकास में योगदान देते है | 

जेसे – भारत के मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोग पश्चिमी एशिया से कमाई करके अपने देश मुद्रा को भेजते है | 

                              जबकि नाकारात्मक प्रभाव के रूप में आज महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ल्ली, तमिलनाडु आदि राज्यों में प्रवासी की संख्या अधिक होने के कारण रोजगार पाने में कठिनाई होती है |  

b) सामाजिक – सांस्कृतिक प्रभाव – प्राय: किसी भी समाज के सामाजिक परिवर्तन में प्रवासी का विशेष योगदान होता है | जिनमे आधुनिक विचार, परिवार नियोजन विधि, महिला शिक्षा एवं समान समाजिक अधिकार, आधुनिक खानपान एवं वेशभूषा, जागरूकता इत्यादि प्रभाव नगरीय क्षेत्र से विचारधारा ग्रामीण क्षेत्र में लाकर समाज को सही दिशा प्रदान करते है | 

                                                                                                                  जबकि नाकारात्मक प्रभाव के रूप में जेसे अपराधिक घटना नशाखोरी, लूटपाट, चोरी, डकेती इत्यादि का प्रभाव हमारे समाज में नाकारात्मक रूप में देखने को मिला है | 

c) जनसंख्या प्रभाव – प्राय: प्रवास से जनसंख्या के वितरण पर प्रभाव अवश्य दिखता है, जंहा से लोग जनसंख्या निकलते है | उस स्थिति को उत्प्रवास तथा जंहा लोगों का आगमन होता है | उस स्तिथी को अप्रवास कहते है | इस स्तिथी में जनसंख्या कम एवं ज्यादा होने पर संसाधनो तथा मानव के बिच संतुलन-असंतुलन की स्तिथी बनी रहती है | 

d) पर्यावरणीय प्रभाव – सामान्यत: प्रवास के मुख्य प्रभाव पर्यावरण ले क्षेत्र में नाकारात्मक रूप में हमेशा देखा जाता है | जिससे नगरीय क्षेत्रो में आबादी बढने से विभिन्न समस्या जेसे- वायु प्रदुषण, जल, ध्वनी, मृदा प्रदुषण, आवास की समस्या, पेयजल जल की समस्या आदि के रूप में देखा जाता है | 

जेसे – वर्तमान दिल्ली में इसका सबसे अच्छा उदाहर वायु प्रदुषण, मुम्बई एवं कोल्कता में जल एवं ध्वनी प्रदुषण देखा जाता है | इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रवास के प्रभाव का परिणाम के रूप में सकारात्मक तथा नकारात्मक पक्ष के आधार पर देखा जा सकता है |

प्रश्न 4. प्रवास के विभिन्न कारणों की विवेचना कीजिए ?

उतर  – किसी व्यक्ति या परिवार के समूह द्वारा जब किसी एक गाँव या शहर को छोड़कर दुसरे गाँव या शहर ने किसी कारणवश अथवा अपने बेहतर जीवन हेतु स्थायी या अस्थायी रूप में बसना ही प्रवास कहलाता है |

                                                      इस प्रकार प्रवास धर्मप्रचार,ज्ञान की खोज, आजीविका की खोज, प्रदर्शन अशान्ति, भय, प्रभोलन, बलप्रयोग, आर्थिक सम्पन्न हेतु आदि अन्य कारको के लिए होता है | फिर भी इसके अनेक सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक कारण जिम्मेवार है |

a) आर्थिक कारण – प्राय: इसके अंतर्गत रोजगार उद्योग, परिवहन, कृषि, व्यापार आदि अवसर शामिल होते है | जिसमे आजिविका की खोज के लिए बड़ी मात्रा में ग्रामीण से नगरीय क्षेत्र में प्रवास करते है | 

b) भौतिक कारण – इसके अंतर्गत जलवायु एवं मौसम के विभिन्न परिवर्तन जेसे – बाढ़, भूकम्प, सुखाढ, ज्वालामुखी, भुस्न्खलन, सुनामी, तूफान इत्यादि शामिल है |

c) सामजिक एवं सांस्कृतिक कारण – इसके अंतर्गत धर्म, विवाह, खानपान, शिक्षा, वेशभूषा, विभिन्न संस्कृति इत्यादि अनेक तत्व शामिल है |

d) राजनितिक कारण – इसके अंतर्गत देश या राज्य की राजनितिक भय को प्रमुख कारण माना जाता है | जिनमे युद्ध की स्तिथि, दंगा, अशांति सरकार की निति एवं योजना जनसंख्या निति इत्यादि कारण शामिल किए जाते है |

 

इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रवास का मुख्य कारण अनुकूल तथा प्रतिकूल तथ्य को माना जाता है | फिर भी इसके अलावे प्रवास के अन्य कारण जनसंख्या वृद्धि, संसाधनो का आभाव, समाज संघर्ष, भेदभाव, अवसरों का आभाव, मुलभुत आवश्यक तथ्यों का आभाव, सुरक्षा का आभाव, इत्यादि प्रमुख माने जाते है |  

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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