📘 12th Class Notes
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Field | Details |
|---|---|
Name of Board | JAC Board / Bihar Board |
Category | NOTES |
Chapter | Chapter 6 |
Chapter name | भक्ति सूफी परंपरा |
Class | Class 12th |
Subject | History |
Medium | Hindi |
Official Website | https://objectivemcq.in/ |
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📖 भक्ति–सूफ़ी परम्परा
✦ परिचय
मध्यकालीन भारत (8वीं–18वीं सदी) में धार्मिक जीवन में बड़े परिवर्तन हुए।
भक्ति आंदोलन और सूफ़ी परंपरा ने सामाजिक समानता, प्रेम, सहिष्णुता और भक्ति का संदेश दिया।
इन आंदोलनों ने जातिवाद और कट्टरता का विरोध किया।
✦ भक्ति परंपरा (Bhakti Tradition)
1. उत्पत्ति
भक्ति परंपरा की जड़ें दक्षिण भारत में अलवार (विष्णु भक्त) और नयनार (शिव भक्त) संतों से मानी जाती हैं।
इनकी भाषा तमिल थी और इन्होंने संस्कृत ब्राह्मणवाद का विरोध किया।
2. विशेषताएँ
ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति ही मुक्ति का मार्ग है।
कर्मकांड, यज्ञ और जातिवाद का विरोध।
सरल भाषा (लोकभाषा) में संदेश।
भक्त और भगवान के बीच सीधा संबंध।
3. प्रमुख संत
रामानुजाचार्य – विशिष्टाद्वैत दर्शन के प्रतिपादक।
कबीर – निर्गुण भक्ति, जाति-पाँति का विरोध, “सकल जनाना एक है”।
गुरु नानक – सिख धर्म के संस्थापक, “इक ओंकार” का संदेश।
मीरा बाई – कृष्ण भक्ति की महान संत कवयित्री।
तुलसीदास – रामचरितमानस के रचयिता, राम भक्ति का प्रचार।
सूरदास – कृष्ण भक्ति और सूरसागर के कवि।
चित्तन्य महाप्रभु – बंगाल में वैष्णव भक्ति का प्रसार।
✦ सूफ़ी परंपरा (Sufi Tradition)
1. उत्पत्ति
सूफ़ी मत का उद्गम इस्लाम से हुआ, जिसमें अल्लाह की भक्ति, प्रेम और आत्मा की शुद्धि पर जोर था।
यह 12वीं शताब्दी में भारत पहुँचा।
2. विशेषताएँ
प्रेम, सेवा और करुणा का महत्व।
साधना, ध्यान और जिक्र (अल्लाह का स्मरण)।
धार्मिक कट्टरता का विरोध।
हिन्दू–मुस्लिम एकता पर बल।
3. प्रमुख सूफ़ी संत
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती – अजमेर शरीफ़ में चिश्ती सिलसिले के प्रवर्तक।
निज़ामुद्दीन औलिया – चिश्ती परंपरा के प्रसिद्ध सूफ़ी, “सबका मालिक एक” का संदेश।
बाबा फरीद – पंजाब में सूफ़ी परंपरा का प्रचार।
शेख सलीम चिश्ती – फतेहपुर सीकरी से जुड़े।
शेख अहमद सिरहिंदी – नक्शबंदी सिलसिले के संत।
✦ भक्ति और सूफ़ी परंपरा का प्रभाव
1. समाज में समानता और भाईचारा बढ़ा।
2. लोकभाषाओं (हिंदी, पंजाबी, बंगाली आदि) का विकास।
3. हिन्दू–मुस्लिम सांस्कृतिक समन्वय को बढ़ावा मिला।
4. कला, संगीत और साहित्य का विकास (कव्वाली, भजन)।
5. धार्मिक सहिष्णुता और उदारता का प्रसार।
✦ निष्कर्ष
भक्ति और सूफ़ी परंपरा ने भारत में धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक समानता और प्रेम–भक्ति की धारा चलाई।
इनका प्रभाव आज भी भारतीय संस्कृति और समाज में दिखाई देता है।
📌 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
❖ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer)
1. भक्ति आंदोलन के उदय और विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
2. सूफ़ी परंपरा के सिद्धांत और विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
3. कबीर और गुरु नानक के उपदेशों का वर्णन कीजिए।
4. भक्ति–सूफ़ी आंदोलनों का भारतीय समाज पर प्रभाव बताइए।
❖ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer)
1. अलवार और नयनार कौन थे?
2. निर्गुण और सगुण भक्ति में क्या अंतर था?
3. गुरु नानक का प्रमुख संदेश क्या था?
4. चिश्ती सिलसिले के संस्थापक कौन थे?
5. सूफ़ी मत में “जिक्र” का क्या अर्थ है?
❖ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)
भक्ति आंदोलन की शुरुआत कहाँ से हुई? → दक्षिण भारत
“रामचरितमानस” के रचयिता कौन थे? → तुलसीदास
अजमेर शरीफ़ किस सूफ़ी संत से जुड़ा है? → ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती
गुरु नानक किस धर्म के संस्थापक थे? → सिख धर्म
सूफ़ी मत में “जिक्र” का क्या अर्थ है? → अल्लाह का स्मर
SANTU KUMAR
I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.
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