📘 12th Class Notes
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Field | Details |
|---|---|
Name of Board | JAC Board / Bihar Board |
Category | NOTES |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter name | शासक और इतिवृत्ति |
Class | Class 12th |
Subject | History |
Medium | Hindi |
Official Website | https://objectivemcq.in/ |
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📖 शासक और इतिवृत्ति (Kings and Chronicles) – क्लास 12
✦ परिचय
मुग़ल काल में शासकों ने अपनी सत्ता को मजबूत और वैध सिद्ध करने के लिए दरबारी इतिहासकारों से इतिवृत्तियाँ (Chronicles) लिखवाईं।
इनमें शासक की वीरता, विजय, प्रशासन, दरबार की परंपराएँ, कला, स्थापत्य और धर्म नीति का वर्णन मिलता है।
ये इतिवृत्तियाँ केवल इतिहास नहीं बल्कि शासक की छवि निर्माण और प्रचार का माध्यम भी थीं।
✦ इतिवृत्ति का उद्देश्य
शासक को ईश्वर का प्रतिनिधि और आदर्श शासक दिखाना।
जनता व अमीर-उमरा के बीच शासक की महानता स्थापित करना।
युद्ध, प्रशासन और संस्कृति का लेखा-जोखा दर्ज करना।
शाही इतिहास को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाना।
✦ अकबर और इतिवृत्ति परंपरा
इतिहास लेखन का सबसे सुव्यवस्थित रूप अकबर के शासनकाल में मिलता है।
उसने अबुल फ़ज़ल को इतिहास लेखन का कार्य सौंपा।
अकबरनामा – तीन भागों में लिखा गया।
पहला खंड → अकबर के जन्म और प्रारम्भिक जीवन का विवरण।
दूसरा खंड → युद्ध, राज्य विस्तार और राजनीतिक घटनाएँ।
तीसरा खंड → आईन-ए-अकबरी, जिसमें अकबर के प्रशासन, कर व्यवस्था, सेना, धर्म नीति, शिक्षा, कला और दरबार की रस्मों का विस्तृत वर्णन है।
इसे मुग़लकालीन भारत का विश्वकोश (Encyclopedia) कहा जाता है।
अबुल फ़ज़ल ने अकबर को एक न्यायप्रिय, सहिष्णु और जनता के कल्याणकारी शासक के रूप में चित्रित किया।
✦ शाहजहाँ और उसकी इतिवृत्ति
शाहजहाँ के समय इतिहास लेखन की परंपरा आगे बढ़ी।
इनायत खान ने शाहजहाननामा लिखा, जिसमें शाहजहाँ के दरबार की भव्यता, स्थापत्य कला (जैसे ताजमहल, लालकिला), और प्रशासन का विस्तृत वर्णन है।
अब्दुल हमीद लाहौरी और मुहम्मद वारिस ने बादशाहनामा लिखा, जो शाहजहाँ के शासनकाल की आधिकारिक इतिवृत्ति है।
✦ औरंगज़ेब और आलमगीरनामा
औरंगज़ेब के प्रारम्भिक शासनकाल का विवरण आलमगीरनामा में मिलता है।
मीरजुमला द्वारा लिखे गए इस ग्रंथ में औरंगज़ेब की धार्मिक नीति, प्रशासन और युद्धों का विवरण है।
औरंगज़ेब के बाद दरबारी इतिहास लेखन की परंपरा धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी।
✦ इतिवृत्तियों की विशेषताएँ
शासक की महानता और वीरता का गुणगान।
दरबार, सेना और प्रशासन का विस्तृत चित्रण।
स्थापत्य कला, संगीत और संस्कृति का गौरवपूर्ण वर्णन।
शासक को ईश्वर का प्रतिनिधि दिखाना।
✦ इतिवृत्तियों की सीमाएँ
शासक की कमजोरियों और विफलताओं को छिपाया गया।
किसानों, आम जनता और स्त्रियों का जीवन बहुत कम दिखाया गया।
दरबारी लेखन होने से इनमें पक्षपात और अतिशयोक्ति मिलती है।
ये अधिकतर शाही दृष्टिकोण तक सीमित थीं।
✦ ऐतिहासिक महत्व
इन सीमाओं के बावजूद इतिवृत्तियाँ हमारे लिए अमूल्य ऐतिहासिक स्रोत हैं।
इनसे मुग़लकालीन भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, प्रशासन, स्थापत्य कला और संस्कृति की गहरी जानकारी मिलती है।
यदि ये ग्रंथ न होते, तो हम मुग़ल दरबार की भव्यता और शासकों की नीतियों को विस्तार से नहीं जान पाते।
📌 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
❖ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type)
1. इतिवृत्ति क्या है? इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
2. अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी की विशेषताएँ लिखिए।
3. शाहजहाननामा और बादशाहनामा का ऐतिहासिक महत्व बताइए।
4. इतिवृत्तियों की विशेषताओं और सीमाओं की व्याख्या कीजिए।
5. इतिवृत्तियों से हमें मुग़लकालीन भारत की किस प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है?
❖ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type)
1. अकबरनामा किसने लिखा और इसमें क्या-क्या वर्णित है?
2. आईन-ए-अकबरी क्यों महत्वपूर्ण है?
3. शाहजहाननामा का लेखक कौन था?
4. आलमगीरनामा किससे संबंधित है?
5. इतिवृत्तियों में जनता का जीवन क्यों कम दिखाई देता है?
❖ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective / MCQ)
अकबरनामा किसने लिखा? → अबुल फ़ज़ल
आईन-ए-अकबरी किस ग्रंथ का हिस्सा है? → अकबरनामा
शाहजहाननामा का लेखक कौन था? → इनायत खान
बादशाहनामा किसके शासनकाल का विवरण है? → शाहजहाँ
आलमगीरनामा किसने लिखा? → मीरजुमला
SANTU KUMAR
I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.
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