📘 12th Class Notes
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Field | Details |
|---|---|
Name of Board | JAC Board / Bihar Board |
Category | NOTES |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter name | विद्रोही और राज |
Class | Class 12th |
Subject | History |
Medium | Hindi |
Official Website | https://objectivemcq.in/ |
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📖 विद्रोही और राज (Rebels and the Raj) – 1857 का विद्रोह
✦ परिचय
1857 का विद्रोह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है।
इसे “सिपाही विद्रोह”, “गदर” और “महान विद्रोह” भी कहा जाता है।
यह केवल सैनिकों का विद्रोह नहीं था, बल्कि किसानों, जमींदारों, कारीगरों और आम जनता की भागीदारी से यह राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप लेने लगा।
अंग्रेज़ इसे “Mutiny” कहते थे, जबकि भारतीयों ने इसे स्वतंत्रता संग्राम की तरह देखा।
✦ विद्रोह के कारण
1. राजनीतिक कारण
अंग्रेज़ों की हड़प नीति (Doctrine of Lapse) से कई रियासतें छीन ली गईं (झाँसी, सतारा, नागपुर, अवध)।
भारतीय राजाओं और जमींदारों को असंतोष हुआ।
2. आर्थिक कारण
भारी कर और लगान प्रणाली से किसान परेशान।
देसी उद्योग-धंधे बर्बाद, कारीगर बेरोजगार।
जमींदारों की ज़मीनें छीन ली गईं।
3. सामाजिक-धार्मिक कारण
अंग्रेज़ों ने भारतीय रीति-रिवाजों और परंपराओं में हस्तक्षेप किया।
“सती प्रथा” का उन्मूलन और “विधवा विवाह” जैसे सुधारों को हिंदू समाज ने अपनी परंपरा पर हमला माना।
लोगों में भय था कि अंग्रेज़ ईसाई धर्म में जबरन परिवर्तन करेंगे।
4. सैन्य कारण
भारतीय सैनिकों को कम वेतन और कम दर्जा।
उच्च पदों पर अंग्रेज़ सैनिक ही नियुक्त।
सैनिकों में असंतोष फैला।
5. तात्कालिक कारण
एनफील्ड राइफल के कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी प्रयोग की अफ़वाह फैली।
इससे हिंदू और मुस्लिम सैनिकों की धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं।
✦ विद्रोह का आरंभ और फैलाव
10 मई 1857 को मेरठ से विद्रोह शुरू हुआ।
सैनिक दिल्ली पहुँचे और बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेता घोषित किया।
धीरे-धीरे विद्रोह कानपुर, झाँसी, बरेली, अवध, ग्वालियर, इलाहाबाद, लखनऊ तक फैल गया।
✦ प्रमुख नेता और क्षेत्र
दिल्ली → बहादुर शाह जफर (प्रतीकात्मक नेतृत्व)
कानपुर → नाना साहेब, तात्या टोपे
झाँसी → रानी लक्ष्मीबाई
बरेली → खान बहादुर
बिहार → कुँवर सिंह
अवध (लखनऊ) → बेगम हज़रत महल
✦ विद्रोह की असफलता के कारण
1. विद्रोह का नेतृत्व कमजोर और बिखरा हुआ था।
2. कोई सामूहिक राष्ट्रीय योजना नहीं बनी।
3. दक्षिण और पंजाब जैसे कई क्षेत्र इससे जुड़े नहीं।
4. अंग्रेज़ों की सैन्य शक्ति और संसाधन अधिक थे।
5. कुछ भारतीय राजा-महाराजा अंग्रेज़ों के पक्ष में रहे।
6. आधुनिक हथियार और तकनीक की कमी।
✦ विद्रोह के परिणाम
1. ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हुआ।
2. भारत का शासन सीधे ब्रिटिश क्राउन (रानी विक्टोरिया) के हाथों में चला गया।
3. सेना का पुनर्गठन किया गया (अधिक अंग्रेज़ सैनिक रखे गए, भारतीयों की संख्या घटाई गई)।
4. भारतीय रियासतों को आश्वासन दिया गया कि उनकी भूमि और सत्ता सुरक्षित रहेगी।
5. अंग्रेज़ों ने भारतीयों के प्रति अधिक संदेह और कठोर नीति अपनाई।
✦ 1857 विद्रोह का महत्व
यह पहला संगठित प्रयास था अंग्रेज़ों को भारत से निकालने का।
सैनिकों, किसानों, जमींदारों और आम जनता की भागीदारी ने इसे राष्ट्रीय स्वरूप दिया।
यद्यपि असफल रहा, लेकिन इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखी।
📌 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
❖ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer)
1. 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारणों की व्याख्या कीजिए।
2. विद्रोह का विस्तार और प्रमुख नेताओं की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
3. 1857 का विद्रोह क्यों असफल रहा?
4. 1857 के विद्रोह के परिणाम और महत्व लिखिए।
❖ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer)
1. 1857 का विद्रोह कब और कहाँ से शुरू हुआ?
2. विद्रोह का तत्कालिक कारण क्या था?
3. बेगम हज़रत महल कौन थीं और उन्होंने कहाँ नेतृत्व किया?
4. बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेता क्यों बनाया गया?
5. 1857 के विद्रोह को “भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” क्यों कहा जाता है?
❖ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)
1857 का विद्रोह कहाँ से शुरू हुआ? → मेरठ
विद्रोह का तत्काल कारण क्या था? → एनफील्ड राइफल कारतूस
कानपुर विद्रोह का नेता कौन था? → नाना साहेब
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई कहाँ शहीद हुईं? → ग्वालियर
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया? → कुँवर सिं
SANTU KUMAR
I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.
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