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बंधुत्व जाती तथा वर्ग NOTES IN HINDI

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12th Class Notes

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FieldDetails
Name of BoardJAC Board / Bihar Board
CategoryNOTES
Chapter Chapter  3
Chapter name 
बंधुत्व, जाति तथा वर्ग
ClassClass 12th
SubjectHistory
Medium Hindi
Official Websitehttps://objectivemcq.in/
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📖 बंधुत्व, जाति और वर्ग

✦ बंधुत्व (Kinship)

बंधुत्व का मतलब है रक्त, विवाह या सामाजिक संबंधों से बने रिश्ते।

प्राचीन भारत में परिवार समाज की सबसे छोटी और महत्वपूर्ण इकाई थी।

मुख्य विशेषताएँ:

पितृसत्तात्मक समाज (पुरुष प्रधान)।

संयुक्त परिवार की व्यवस्था।

गोत्र व्यवस्था – सगोत्र विवाह वर्जित।

उत्तराधिकार और संपत्ति का नियम।

महत्व: परिवार और समाज में अनुशासन बनाए रखना, धार्मिक अनुष्ठान और उत्तराधिकार सुनिश्चित करना।

✦ जाति (Caste)

जाति = जन्म आधारित सामाजिक विभाजन।

वैदिक समाज में चतुर्वर्ण –

1. ब्राह्मण → शिक्षा और धर्म।

2. क्षत्रिय → शासन और रक्षा।

3. वैश्य → कृषि, व्यापार और पशुपालन।

4. शूद्र → सेवा और श्रम।

विशेषताएँ:

जन्म आधारित स्थिति, ऊँच-नीच।

जाति पंचायतें – सामाजिक अनुशासन।

समय के साथ उपजातियाँ विकसित हुईं।

महत्व: व्यक्ति का पेशा और सामाजिक पहचान तय करना।

✦ वर्ग (Class)

वर्ग = धन, पेशा और शक्ति के आधार पर समाज का विभाजन।

जाति से अलग क्योंकि वर्ग परिवर्तनशील होता था।

मुख्य वर्ग:

शासक वर्ग → राजा, सामंत।

व्यापारी वर्ग → सेठ, साहूकार।

कृषक वर्ग → जमींदार, किसान।

शिल्पकार वर्ग → लोहार, बुनकर, बढ़ई।

श्रमिक वर्ग → मज़दूर, दास।

विशेषताएँ:

वर्ग बदल सकता था।

नगर और व्यापार जीवन पर प्रभाव।

✦ निष्कर्ष

बंधुत्व → परिवार और रिश्तों का आधार।

जाति → जन्म आधारित सामाजिक पहचान।

वर्ग → पेशा, धन और शक्ति पर आधारित सामाजिक विभाजन।

इन तीनों ने मिलकर भारतीय समाज की जटिल संरचना बनाई

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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