📘 12th Class Notes
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Field | Details |
|---|---|
Name of Board | JAC Board / Bihar Board |
Category | NOTES |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter name | किसान जमींदार और राज्य |
Class | Class 12th |
Subject | History |
Medium | Hindi |
Official Website | https://objectivemcq.in/ |
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📖 किसान, ज़मींदार और राज्य
✦ परिचय
मुगल साम्राज्य (16वीं–17वीं शताब्दी) में भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि था।
अधिकांश जनसंख्या किसान थी।
भूमि से प्राप्त राजस्व (Revenue) राज्य की आय का सबसे बड़ा स्रोत था।
किसानों, ज़मींदारों और राज्य के बीच का संबंध कृषि उत्पादन और कर प्रणाली पर आधारित था।
✦ किसान (Peasants)
1. किसान कृषि उत्पादन के मूल आधार थे।
2. खेती के लिए भूमि, हल, बैल और पानी की आवश्यकता होती थी।
3. फसलें –
खरीफ (धान, बाजरा, मूँग)
रबी (गेहूँ, जौ, मसूर)
नगदी फसलें (गन्ना, कपास, नील, अफीम)
4. किसान अपनी उपज का एक हिस्सा स्वयं रखते थे और शेष हिस्सा कर (राजस्व) के रूप में राज्य को देना पड़ता था।
5. खेती के साधन सीमित थे और प्राकृतिक परिस्थितियों पर निर्भरता अधिक थी।
✦ ज़मींदार (Zamindars)
1. ज़मींदार कृषि व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
2. उनकी भूमिका –
किसानों से कर वसूलना।
स्थानीय स्तर पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना।
राज्य के प्रति वफादारी दिखाना।
3. ज़मींदारों को भूमि से प्राप्त कर का एक निश्चित हिस्सा अपने पास रखने की अनुमति थी।
4. वे अक्सर किसानों और राज्य के बीच मध्यस्थ (Mediator) की भूमिका निभाते थे।
5. बड़े ज़मींदार कभी-कभी विद्रोह भी करते थे, जिससे राज्य को कठिनाइयाँ होती थीं।
✦ राज्य और राजस्व प्रणाली (State and Revenue System)
1. मुगल साम्राज्य की स्थिरता का मुख्य आधार था – राजस्व प्रणाली।
2. अकबर ने राजस्व सुधार किए – जिन्हें जाब्ती प्रणाली / दशाला प्रणाली (टोडरमल पद्धति) कहा जाता है।
भूमि का सर्वेक्षण और मापन।
भूमि की उपज का औसत निकालकर कर निर्धारित करना।
सामान्यतः किसान को उपज का लगभग 1/3 भाग कर के रूप में देना होता था।
3. कर नकद या अनाज दोनों रूपों में लिया जा सकता था।
4. इससे राज्य को स्थिर और नियमित आय प्राप्त होती थी।
✦ किसान-ज़मींदार-राज्य संबंध
किसान उत्पादन करते थे।
ज़मींदार कर वसूलते थे और राज्य तक पहुँचाते थे।
राज्य इस कर से अपनी सेना, प्रशासन और दरबार का संचालन करता था।
इस प्रकार तीनों का संबंध आपसी निर्भरता पर आधारित था।
✦ समस्याएँ और विद्रोह
कर का बोझ अधिक होने से किसान अक्सर परेशान रहते थे।
सूखा, बाढ़ या अकाल के समय कर माफ़ नहीं किया जाता था।
किसान कभी-कभी गाँव छोड़कर भाग जाते थे या विद्रोह कर देते थे।
ज़मींदार भी अपनी शक्ति का उपयोग कर राज्य के विरुद्ध बगावत कर देते थे।
✦ निष्कर्ष
मुगलकालीन समाज और राज्य की नींव कृषि पर टिकी थी।
किसान उत्पादन करते थे, ज़मींदार वसूली करते थे और राज्य राजस्व पर निर्भर था।
यह त्रिकोणीय संबंध भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।
📌 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
❖ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer)
1. मुगलकालीन भारत में किसानों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
2. ज़मींदारों की भूमिका और उनके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
3. अकबर की राजस्व प्रणाली का वर्णन कीजिए।
4. किसान, ज़मींदार और राज्य के बीच संबंधों की व्याख्या कीजिए।
❖ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer)
1. किसान कौन-सी प्रमुख फसलें उगाते थे?
2. ज़मींदारों के क्या कर्तव्य थे?
3. दशाला प्रणाली (टोडरमल पद्धति) किसने लागू की?
4. सामान्यतः किसान को उपज का कितना हिस्सा कर के रूप में देना होता था?
5. कर नकद या किस रूप में वसूला जाता था?
❖ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)
मुगलकालीन अर्थव्यवस्था का आधार क्या था? → कृषि
दशाला प्रणाली किससे संबंधित थी? → राजस्व वसूली
दशाला प्रणाली किसके द्वारा लागू की गई? → अकबर (टोडरमल की सहायता से)
किसान को उपज का कितने भाग कर देना पड़ता था? → लगभग 1/3
ज़मींदार किसके मध्यस्थ होते थे? → किसान और रा
SANTU KUMAR
I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.
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