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इतिहास का परिचय

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                                                    * इतिहास  -:

इतिहास का अंग्रेजी रुपातरण History होता हैं, जो यूनानी भाषा के History शब्द से लिया गया है | जिसका अर्थ “घटनाओं का वर्णन” करना होता हैं | 

                    अर्थात समाज में घटित महत्पूर्ण घटनाओं के क्रमबध्द अध्ययन को इतिहास कहा  जाता हैं |

                            या 

इतिहास हिंदी के दो शब्दों इति+हास से मिलकर बना हैं | जिससे इति का अर्थ – बीति हुई घटना तथा हास का अर्थ – कहानी | अर्थात बीति हुई घटनाओं के कहानी को इतिहास कहा जाता हैं |

 

*इतिहास के पिता ( Father of History ) –  इतिहास के जनक/पिता के रूप यूनान के प्रमुख इतिहासकार हेरोडोटस को जाना जाता हैं|

  • इन्होने ने ही सबसे पहले History शब्द के बारे में दुनिया को बताया |
  • हेरोडोटस की प्रमुख पुस्तक का नाम Historica हैं |जिसमे 5 वीं  सदी में हिए फारस एवम यूनान के बिच हुए युद्ध का वर्णन किया गया हैं | 

                         इनके आलोचनात्मक इन्हें ‘झूठो का पिता’ कहकर  संबोधित किया हैं | 

             * इतिहास लेखन के स्रोत *

1.  पुरातत्व/पुरातात्विक स्रोत – 

  • अभिलेख 
  • सिक्का 
  • मिट्टी का बर्तन 
  • मुर्तिया 
  • चित्रकला 
  • औजार 
  • हड्डिया 
  • ईमारत
  • खुदाई से प्राप्त सामग्री

2. साहित्यक लेखन ले स्रोत – 

  • साहित्यक स्रोत 

* देशी साहित्यक 

*विदेशी साहित्यक – विभिन्न देशो के साहित्यक 

* देशी साहित्यक 

  • धार्मिक 
  • गेर धर्मिक 

* धार्मिक 

  • वेद 
  • पुराण 
  • महाभारत 
  • रामायण

* गेर धार्मिक 

  • पदमावत 
  • अर्थशात्र 
  • अन्य रचनाए 

* स्रोत के अधार पर इतिहास को तिन श्रेणियों में बाँटा गया हैं |

  1. प्रागेतिहसिक काल 
  2. आद्य-इतिहास काल 
  3. एतिहासिक काल 

1. प्रोगेतिहसिक काल –  यह इतिहास का वह काल हैं जिसमे कोई लिखित साक्ष्य प्राप्त नही हुए हैं, उससे प्रोगेतिहसिक काल कहा जाता हैं | 

यह काल सम्पूर्ण रूप के पुरातत्विक साक्ष्य पर आधारित हैं | 

उदाहरण –  मानव के विकास का  इतिहास,पाषण काल प्रा गेतिहसिक काल को पाषण काल कहते हैं | 

2. आद्य-इतिहास – यह इतिहास का वह काल हैं जिसमे लिखित साक्ष्य मिले हैं किन्तु उसे पढ़ा नही गया हैं, उसे आद्य-इतिहास काल कहा जाता हैं|

उदाहरण – हडप्पा सभ्यता का इतिहास 

3. एतिहासिक काल – यह इतिहास का वह काल है जिसमे लिखित साक्ष्य भी मिले हैं और उसे पढ़ा भी गया हैं, उसे एतिहासिक काल कहा जाता है 

उदहारण – वैदिक  सभ्यता का इतिहास 1857 की क्रांति 

* पाषाण काल – इतिहास का वह काल जिस काल मानव भारी पेमानो पर पत्थरों से निर्मित वस्तुओ का प्रयोग करते थे, उसे पाषाण काल कहा जाता हैं | 

     *पाषाण काल* 

  (6 लाख BC – 1 हजार BC )

  • पाषाण काल 
  1. पुरापाषाण काल (6 लाख BC – 10 हजार BC )
  2. मध्यपाषाण काल (10 हजार BC – 4 हजार BC )
  3. नवपाषाण काल  (4 हजार BC – 1 हजार BC )

1. पूरापाषाण काल 

  • निम्न्पुरापाषाण काल (6 लाख BC -1.5 लाख BC 
  • मध्यपाषाण काल (1.5 लाख BC – 35 हजार BC )
  • उच्चपाषाण काल (35 हजार BC – 10 हजार BC )

*पुरापाषाण काल –  

  • पुरापाषाण काल 6 लाख BC – 10 हजार BC तक चला था |
  • पुरापाषाण  काल में मानव अपना जीवन आखेट एवं संग्रहण के रूप में व्यतीत करते थे |
  • पुरापाषाण काल  में निर्मित ओजार की आक्रति बड़ी होती थी|
  • पुरापाषाण काल में मानव घुमंतू के रूप में जीवन जीते थे |
  • पुरापाषाण काल  में ही  आग का खोज किया गया था |

* मध्यपाषाण काल –

  • मध्यपाषाण काल 10 हजार BC – 4 हजार BC तक चला था |
  • मध्य पाषाण काल की प्रमुख विशेषता इसं  काल में ही सर्वप्रथम पशुपालन कार्य शुरू हुआ था |
  • मानव का पहला पालतू पशु कुत्ता था |
  • मध्य पाषाण काल में बनने वाली ओजार की आक्रति छोटी हो गई| जिसके कारण इस काल को ‘माइक्रोलिथिक काल’  कहा जाता हैं|
  • मध्य पाषाण काल में हि मानव सर्वप्रथम आग का प्रयोग  किया |
  • इसी मध्य पाषाण काल में दफनाने की पर्था शुरू किया गया |
  • मध्य पाषाण काल की खोज करता का श्रेय ‘जॉन डवाइज’ को जाता है |

*नव पाषाण काल –

  • नव पाषाण काल 4 हजार BC – 1 हजार BC तक चला था |
  • नव पाषाण काल में ही कृषि कार्य शुरू की गई थी | यह सर्वप्रथम पाकिस्तान के सुलेमान तथा कीर्तन पहाड़ी के मध्य किया गया था| पाकिस्तान के मेहरगद में सबसे पहले ‘जो और गेंहू’ की खेती की गई |
  • नव पाषाण काल में पहिए, चाक, मिटटी का बर्तन की खोज की गई |
  • नव पाषाण काल ,में  लोगो का जीवन स्थाई होना शुरू हो गया |
  • नव पाषाण काल ली खोजकर्ता का श्रेय ‘डॉ  प्राइमरीज’ को जाता है |
  • नव पाषाण काल के पश्चात मानव धातु युग में पहुंचा |
  1. पाषाण कालीन संस्कृति 
  2. ताम्र पाषाण कालीन संस्कृति 
  3. कांस्य युगिन कालीन संस्कृति 
  4. लोह युगिन कलाएँ संस्कृति 

* जर्मनी के विद्वान सेलियरस ने कालकर्म  के अधार पर इतिहास को तीन भागो बाँट दिया गया है |

  1. प्राचीन इतिहास 
  2. मध्यकालीन इतिहास 

 3.आधुनिक इतिहास                                                                  

NOTE    – इसी उपयुक्त विभाजन के अधार पर इसका अनुकरण  करते हुए भारतीय इतिहास को तीन भागो बाँटा गया है |

                भारतीय इतिहास   

  1. भारत का प्राचीन इतिहास (3000 BC – 712 AD)  
  2. भारत का मध्यकालीन इतिहास (712 BC – 1707 AD) 

3.भारत का आधुनिक इतिहास (1707 AD – 1947 AD) 

* जेम्स मिल महोदय ने भारतीय इतिहास को धर्मो के अधार पर तीन  भागो बाँटा हैं|

  1. हिन्दू काल (1206 AD – पूर्व)
  2. मुस्लिम काल (1206 AD – 1857 AD)
  3. इसाई काल (1857 AD  – 1947 AD) 

NOTE- भारतीय इतिहास का जनक  ‘मेगास्थनीज’ को कहा जाता है | जो भारत के पहले विदेशी राजदूत थे|

                                                 

Author

SANTU KUMAR

I am a passionate Teacher of Class 8th to 12th and cover all the Subjects of JAC and Bihar Board. I love creating content that helps all the Students. Follow me for more insights and knowledge.

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